सुनील मिश्र Sunil Mishr

FILM CULTURE - Article, Review, Interview, Analysis, Nostalgia....

सोमवार, 2 अगस्त 2010

बोझिल जीवन का प्रतिबिंब

प्रस्तुतकर्ता सुनील मिश्र पर 11:45 am
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नई पोस्ट पुरानी पोस्ट मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom)

फ़ॉलोअर

ब्लॉग आर्काइव

  • ►  2016 (2)
    • ►  अप्रैल (1)
    • ►  जनवरी (1)
  • ►  2015 (38)
    • ►  सितंबर (1)
    • ►  अगस्त (1)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  जून (10)
    • ►  मई (9)
    • ►  अप्रैल (3)
    • ►  मार्च (6)
    • ►  फ़रवरी (4)
    • ►  जनवरी (3)
  • ►  2014 (31)
    • ►  दिसंबर (6)
    • ►  नवंबर (3)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  सितंबर (1)
    • ►  अगस्त (4)
    • ►  जुलाई (5)
    • ►  मई (3)
    • ►  अप्रैल (8)
  • ►  2013 (46)
    • ►  दिसंबर (4)
    • ►  नवंबर (8)
    • ►  अक्टूबर (6)
    • ►  सितंबर (4)
    • ►  अगस्त (1)
    • ►  जुलाई (5)
    • ►  जून (3)
    • ►  मई (1)
    • ►  अप्रैल (6)
    • ►  मार्च (2)
    • ►  फ़रवरी (3)
    • ►  जनवरी (3)
  • ►  2012 (37)
    • ►  दिसंबर (4)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  सितंबर (1)
    • ►  अगस्त (1)
    • ►  जुलाई (3)
    • ►  जून (6)
    • ►  मई (7)
    • ►  अप्रैल (8)
    • ►  मार्च (2)
    • ►  जनवरी (4)
  • ►  2011 (203)
    • ►  दिसंबर (7)
    • ►  नवंबर (5)
    • ►  अक्टूबर (4)
    • ►  सितंबर (2)
    • ►  अगस्त (24)
    • ►  जुलाई (21)
    • ►  जून (26)
    • ►  मई (19)
    • ►  अप्रैल (25)
    • ►  मार्च (22)
    • ►  फ़रवरी (22)
    • ►  जनवरी (26)
  • ▼  2010 (170)
    • ►  दिसंबर (29)
    • ►  नवंबर (23)
    • ►  अक्टूबर (37)
    • ►  सितंबर (52)
    • ▼  अगस्त (29)
      • मनमोहन लड्डू गोपाल
      • खेमा, आवाजाही और अदला-बदली
      • गुरुदत्त की प्यासा, एक अनगढ़ फिल्म
      • गाड़ी बुला रही है........
      • असाधारण नायक ओमपुरी
      • हम दोनों
      • हिन्दी सिनेमा में पिता
      • डाग्दर बाबू, नबेन्दु घोष का एक अधूरा सपना
      • बरखा के अंदेशे
      • अभिव्यक्ति और अच्छी-बुरी आदतें
      • गीत-संगीत-कहानी में अनुपस्थित प्रेम
      • अपने-अपने मूल्य और समझौते
      • अपने-अपने मूल्य और समझौते
      • हमारी गुरु माता ही हमारी भगवान हैं - पण्डित हरिप्र...
      • पीपली लाइव के नत्था से विशेष इंटरव्यू
      • दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिन्दुस्तान हमारा है
      • बोझिल जीवन का प्रतिबिम्ब
      • हृषिकेश मुखर्जी की अविस्मरणीय अनुराधा
      • परिदृश्य में गौण होता सिनेमा
      • नत्था होने का मतलब
      • क्या मिलिए ऐसे लोगों से....
      • अभिनेता रविकिशन से बातचीत
      • सुप्रतिष्ठित गायिका गिरिजा देवी से एक दुर्लभ मुलाक़ात
      • एक कथा पूरी होना
      • सतीश कौशिक की "रोड मूवी"
      • तुम्हारे लिए......
      • बोझिल जीवन का प्रतिबिंब
      • सम्पादन और शहादत की परिस्थितियाँ
      • मैं हाजिर हूँ

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
सुनील मिश्र
लेखक। फिल्म-विश्लेषक। पत्रिका ग्रुप के लिए दो वर्ष प्रतिदिन सिनेमा विषय पर स्तम्भ्‍ा लेखन "टेक रीटेक" कॉलम में। पीपुल्स समाचार के लिए मई 2013 से जुलाई 2014 तक"थर्ड एंगल" कॉलम में सिनेमा विषय पर प्रतिदिन एक टिप्पणी।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
चित्र विंडो थीम. Blogger द्वारा संचालित.