शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

धन्ना सेठ से करोड़पति तक



बच्चन साहब एक बार फिर करोड़पति बनाने का सपना लिए छोटे परदे पर प्रकट हो गये हैं। इसके पहले एक क्षेत्रीय चैनल ने भी यह धारावाहिक शत्रुघ्र सिन्हा को लेकर शुरू कर दिया था। करोड़पति होना हर इन्सान के सपनों में शामिल है, कौन नहीं चाहता कि वो करोड़पति बन जाये। जब पहले पहल कौन बनेगा करोड़पति शुरू हुआ था, तो यह धारावाहिक दर्शकों में आरम्भ की मौलिकता, तैयारी और खासतौर पर इसके प्रस्तुतकर्ता अमिताभ बच्चन के इस धारावाहिक में काम शुरू करने के ठीक पहले की भरपूर फुरसत और शो में संजीदगी से जुडऩे के कारण सफल हुआ था।

इस धारावाहिक से पहले अमिताभ बच्चन ने फिल्मों में खास काम नहीं ले रखा था। एक तरह से यही धारावाहिक ऐसा था जो अमिताभ बच्चन को लाइम लाइट में ले आया। अमिताभ बच्चन ने इसे मनोयोग से प्रस्तुत किया और अपनी वाक्पटुता, पिता की काव्यात्मक विरासत और सिनेमा के अपने लम्बे और अच्छे-बुरे अनुभवों को ध्यान में रखते हुए जनता से सीधे जुड़े। जनता से संवाद का उनका ढंग आज भले ही ट्विटर और ब्लॉग के माध्यम से बहुत औपचारिक और सामान्य हो गया हो मगर उस समय करोड़पति देखते हुए दर्शक को इस बात पर मुग्ध होने के लिए अवसर ही अवसर थे कि अमिताभ उनसे सीधे बात कर रहे हैं।

देवियों और सज्जनों का उनका उद्बोधन और आखिरी में अपना ख्याल रखिएगा ने बड़ा काम किया। हम सबके जेहन में धन्ना सेठ किसी कथा या कहानी का नायक नहीं है बल्कि हमारे बुजुर्गों से ही सुना हुआ शब्द है जो किसी अमीर या रईस के लिए या तो इस्तेमाल किया जाता था या किसी रसूख बताने वाले के लिए बतौर उपहास।

धन्ना सेठ से अब के युग में करोड़पति होने तक यह शाब्दिक प्रतीक अपने अर्थ बदल चुका है। करोड़पति शब्द जनता को आमजन को लुभाता है, उसका आकर्षण बना हुआ है लिहाजा कौन बनेगा करोड़पति को भले ही पहले भाग जैसा प्रभाव और आकर्षण न मिले मगर पच्चीस-तीस प्रतिशत दर्शक उसको अभी भी देखना चाहते हैं।

करोड़पति बनने जाना किसी बड़े स्वयंवर से कम नहीं है। चयन से लेकर जीत तक सभी कठिन है पर दूसरी बात यह भी है कि कठिन कुछ भी नहीं होता। तकदीर अपना काम करती है और प्रतिभा और दक्षता तकदीर के समर्थन से सफलता के दरवाजे पर भी ला खड़ा करती है। कुल मिलाकर हमारे सामने सपना है या कहें सपने हैं, बच्चन साहब सपनों के सौदागर। इस धारावाहिक में भी समय और आधुनिकता का असर है, देखना होगा, दर्शकों में इस बार इसका क्या प्रभाव पड़ता है?

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