आज सुबह से ही मुम्बई में अमिताभ बच्चन के दोनों बंगलों प्रतीक्षा और जलसा के बाहर उनके चाहने वालों का हुजूम रहेगा। टै्रफिक जाम हुआ करेगा। आवाजाही प्रभावित होगी। पुलिस को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। हो सकता है, लाठी भी चले हल्की-फुल्की। चाहने वालों में मुम्बई के लोग भी होंगे और बाहर के भी। कुछ ऐसे भी होंगे, जिनकी चाहत दीवानगी की हद से ज्यादा होगी, वो सुदूर स्थानों से अमिताभ बच्चन के लिए अपना दिल हाथ में रखे, मुम्बई चले आये होंगे और सब जतन करके बंगले के बाहर होंगे। जो प्रतीक्षा बंगले के बाहर होंगे वे उनकी एक झलक पाने का इन्तजार दिल थामे किया करेंगे।
अन्देशा यह भी रहेगा कि शायद बच्चन जलसा बंगले में हों। जो जलसा बंगले के सामने खड़े होंगे, उनको यह भ्रम सताता होगा कि कहीं प्रतीक्षा में न हों। महानायक कहाँ होंगे तब तक कोई न जानेगा जब तक वे प्रकट न होंगे। हुए तो सबका दिन अच्छा, नहीं तो मायूस। सितारों के प्रति दीवानगी का यही आलम होता है। दिल हाथ में लिए मुरीद के हाथ से कब छूटकर टूट जाये, टूटकर बिखर जाये कहा नहीं जा सकता। जहाँ तक अमिताभ बच्चन का सवाल है, उनका यह जन्मदिन तीन वजहों से कुछ ज्यादा विशेष बनता है।
एक अच्छी वजह उनका पा के लिए कुछ ही दिन पहले राष्ट्रीय पुरस्कार घोषित होना है, ऑरो की भूमिका के लिए।
दूसरी वजह, एक बार फिर कौन बनेगा करोड़पति का मेजबान होना है। यह इसलिए विशेष है कि उनके बाद बादशाह शाहरुख खान को आजमा लिया गया है और मौका उनको दोबारा नहीं दिया गया है। हाँ, बिग बॉस में उनको दोहराया नहीं गया है, सलमान खान नाम की जिन्दादिल और चुहलबाज रौनक आ गयी है वहाँ। बहरहाल कौन बनेगा करोड़पति के लिए अमिताभ बच्चन तैयार हैं। तीसरी वजह राजकुमार सन्तोषी की बहुल सितारा फिल्म पॉवर का मुख्य हिस्सा बनना है उनका जिसमें पहली बार कायदे से उनके साथ अनिल कपूर आ रहे हैं। संजय दत्त और अजय देवगन भी फिल्म में हैं मगर उनके साथ पहले वे काम कर चुके हैं। अनिल कपूर की यद्यपि पहली फिल्म शक्ति थी जिसमें दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन थे मगर अनिल कपूर मेहमान कलाकार की तरह आरम्भ और अन्त में अपने पिता की कहानी, अपने दादा से सुनते भर हैं।
अपने कैरियर के चरम में अनिल कपूर ने अमिताभ बच्चन के सिंहासन को झकझोरने के साहस-दुस्साहस भी किए थे लेकिन वे और आमिर खान दोनों ही बच्चन के साथ काम अब तक नहीं कर पाये थे। देखना है, पॉवर क्या प्रमाणित करती है? जहाँ तक जन्मदिन का सवाल है, महानायक का जन्मदिन क्या मीडिया, क्या अखबार और क्या समाज, सब गर्मजोशी से मनाते हैं। अमिताभ बच्चन को भी अब दक्षिण के कुछ बड़े सितारों की तरह इन सबसे अच्छा दोस्ताना निभाना आरम्भ कर देना चाहिए।
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