शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2010

अजय देवगन की अपरिहार्यता

साल के उत्तरार्ध में अजय देवगन को कुछ अच्छे अवसर मिल रहे हैं। वे एक तरह से कुछ फिल्मों की अपरिहार्यता में शामिल हुए हैं। वे ऐसे सितारे हैं जो घोषित रूप से कम से कम दो निर्देशकों के लिए स्थायी भाव का काम करते हैं। प्रकाश झा और राजकुमार सन्तोषी को अजय प्रिय हैं। अजय के साथ दोनों ही फिल्मकारों ने सफल-विफल दोनों तरह की फिल्में बनायी हैं मगर सान्निध्य बना रहा है। अभी सन्तोषी ने पावर घोषित की है तो उसमें अजय, अमिताभ, अनिल और संजय के बावजूद हैं। प्रकाश झा आरक्षण बनाने जा रहे हैं, आरम्भिक रूप से शायद अजय का नाम नहीं है, अमिताभ और मनोज वाजपेयी के लिए झा ने मीडिया को सूचित किया है, हो सकता है कि अजय की भूमिका भी उसमें हो।

अजय देवगन की आक्रोश इस शुक्रवार रिलीज हो ही गयी। प्रियदर्शन के साथ उनका काम करना महत्वपूर्ण है। प्रियदर्शन ने एक गम्भीर फिल्म बनायी है और उन्हें अपनी फिल्म के कथ्य-कल्पना की अराजक जमीन पर अजय देवगन के लिए एक सशक्त रोल नजर आया सो वे भी रोल देखकर सहमत हो गये। अजय गोलमाल के तीसरे भाग में भी हैं जिसमें रोहित शेट्टी ने दरजन भर सितारे ले लिए हैं। आजकल बहुत से फिल्मकार, खासकर युवा, बिना कहानी, जिसे बिना सिर-पैर भी कहा जाता है, फिल्में बनाने में लग जाते हैं। अतिरिक्त उत्साह वाले निर्देशक तो सेट पर ही सीन लिख-लिखकर कलाकार को मुहैया कराते हैं। लेखक की भूमिका अब कोई रह नहीं गयी है, ऐसे में एक सितारा, दो सितारा या बहुल सितारा फिल्म का कोई विशेष मतलब नहीं है। गोलमाल के तीसरे भाग में अजय ही पहले बड़े अभिनेता हैं, बाकी सब उनके सहारे या भरोसे निरीह से दिखायी देते हैं।

मिथुन चक्रवर्ती भी इस फिल्म में एक भूमिका निबाह रहे हैं मगर इस वापसी में मिथुन की स्थिति बड़ी कमजोर दिखायी देती है। वे किसी तरह इस समय में अपने पैर सुरक्षित स्थान पर रखकर कुछ समय व्यतीत करना चाहते हैं। होटल और ऊटी से फिलहाल ऊबे मिथुन की यह ऐसी आउटिंग हैं जिसको नोटिस न भी लिया जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस फिल्म में अजय सच मायनों में ऐसे जहाज के खेवनहार हैं जिसमें बहुत सारे ऐसे लोग बैठे हैं जो तैरना नहीं जानते, अजय के सिवा। फिल्म का चलना यहाँ जहाज का पार होना है और देखिए अजय की पीठ पर बैठकर इतने सारे विभिन्न तरह के कुदरती और नैसर्गिक मानवीय कमजोरियों, जैसा गूँगापन, हकलाहट आदि को मखौल की तरह भुनाकर फिल्म को कितना लाभ दे पाने में कामयाब होते हैं?

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