रविवार, 31 अक्तूबर 2010

सुरक्षित ओपनिंग और अंदेशों का मैदान

सिनेमा व्यवसाय में हर निर्माता का अपना सुरक्षा बोध होता है। जाहिर है, पैसे के नाम पर दाँव पर वही लगा होता है। फिल्म में काम करने वाले हरेक आदमी को उसका दाम मिल चुका होता है, फिल्म बनने के बाद प्रदर्शन करते समय सारा अदा किया हुआ कई गुना मुनाफे के साथ लौटे, यह सपना देखना प्रोड्यूसर के लिए स्वाभाविक होता है। ऐसे दौर में खासतौर पर निर्माता का रक्तचाप बढ़ा ही रहता है, जब बड़ी-बड़ी फिल्मों को दर्शक अचानक खारिज कर देता है। हरेक निर्माता प्राय: अच्छे बैकग्राउण्ड का नहीं होता तो वह कर्ज लेकर ही फिल्में बनाता है और बनाकर, कमाकर लौटाता है। ऐसे में अगर फिल्म बैठ गयी तो घाटा बर्दाश्त करने का कलेजा किसका, कितना मजबूत हो सकता है, कहा नहीं जा सकता। झटके, हमेशा आदमी को गिराने का काम करते हैं, यदि वह सम्हलकर खड़ा नहीं है तो, यदि पैर मजबूत हैं तो गिरने से बच जायेगा, लडख़ड़ाकर रह जायेगा। गिर गया तो फिर ध्वस्त होना तय है।

नवम्बर का महीना शुरू हो गया है। 5 तारीख दीपावली का दिन है और शुक्रवार का भी दिन है। शुक्रवार का दिन फिल्म के प्रदर्शन का दिन भी होता है। एक समय था जब देश भर में शुक्रवार को और मध्यप्रदेश में गुरुवार को फिल्में रिलीज हुआ करती थीं। तब ओपनिंग का परिणाम मध्यप्रदेश से ही निर्धारित होता था। गुरुवार को फिल्म का क्या हश्र हुआ, यह मुम्बई सहित देश को मालूम हो जाया करता था। ऐसे में वितरक सावधान हो जाते थे, सिनेमाघर सजग हो जाते थे और एक रात में खरीदी-बेची का प्रतिशत उठ और गिर जाया करता था। अब शुक्रवार का दिन प्रदर्शन का सब जगह तय को गया है, बावजूद इसके, सिनेमा के असुरक्षित व्यवसाय में भाग्यविधाताओं, ज्योतिषियों की पौ-बारह है, वे अपने ढंग से निर्माता को सुझाव देते हैं। इस शुक्रवार प्रदर्शित होने वाली दो फिल्मों एक्शन रीप्ले और गोलमाल भाग तीन क्रमश: शुक्रवार और शनिवार को रिलीज हो रही हैं।

विपुल शाह, अपनी फिल्म एक्शन रीप्ले को लेकर आश्वस्त हैं मगर रोहित शेट्टी अपने लिए सुरक्षित दिन चाहते हैं, इसीलिए उन्होंने शनिवार को अपनी फिल्म सिनेमाघरों में लगाने का फैसला किया है। अलग-अलग दिन ओपनिंग का भीड़-विभाजन भले ही कर दें मगर फिल्म की किस्मत नहीं बदल सकते। फिल्म तभी चलेगी, जब अच्छी होगी। दर्शकीय दृष्टि किसी पैथोलॉजी से कम नहीं है। वहाँ से आयी रिपोर्ट दूध का दूध पानी का पानी कर देती है और रिपोर्ट आने के पहले दिल धक-धक करता रहता है।

2 टिप्‍पणियां:

shashiprabha tiwari ने कहा…

bahut sunder

सुनील मिश्र ने कहा…

सराहना के लिए आभार शशिप्रभा जी।