गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

साईं छबि में जैकी श्रॉफ

इस शुक्रवार जैकी श्रॉफ की शिरडी के साईं बाबा के चरित्र को परदे पर निबाहने वाली फिल्म मालिक एक प्रदर्शित हो रही है। जैकी इस फिल्म के प्रदर्शन को लेकर बड़े खुश हैं। कुछ समय पहले मुम्बई में उनसे हुई मुलाकात में उन्होंंने इस फिल्म के बारे में बताया था। वैसे जब तक यह फिल्म बनी, इस बात का प्रचार कम ही हुआ कि जैकी को यह भूमिका ऑफर की गयी है। जैकी ने स्वयं एकाग्रता और अपनी लगन के चलते गम्भीरता से इस काम को अंजाम देना उचित समझा। वे इन दिनों चुनिंदा फिल्में कर रहे हैं। उनका प्रयास यह भी है कि एक बार में एक फिल्म को पूरा वक्त भी दिया जाये।

निर्माता-निर्देशक दीपक बलराज विज उनके पुराने दोस्त भी हैं। साईं बाबा के प्रति उनकी भी गहरी श्रद्धा है। वे काफी दिनों से एक ऐसी फिल्म बनाना चाह रहे थे जिसके माध्यम से वे साईं बाबा के व्यक्तित्व और उन अनूठे अनछुए पहलुओं को दर्शकों के सामने ला सकें जिन्हें देखकर भक्त और आसक्त दर्शकों की श्रद्धा सतत गहरी हो। उन्हें जैकी की पर्सनैलिटी और खासकर देखने की शैली में मालिक एक की शीर्ष भूमिका के लिए अपना किरदार मिल गया। जैकी को जब यह प्रस्ताव मिला तो उनके लिए कम चुनौती नहीं थी। साईं बाबा के प्रति उनकी भी अगाध श्रद्धा है। उन्होंने तय किया कि वे बाबा की भूमिका को गम्भीरता से जीने की कोशिश करेंगे। लगभग दो साल की अवधि में यह फिल्म पूरी हुई है और जैकी ने अपना पूरा वक्त और निर्देशक की अपेक्षा के साथ अपनी क्षमता के अनुरूप काम किया है।

बीच में यह फिल्म जुलाई-अगस्त के आसपास प्रदर्शित होने को थी किन्तु परफेक्शन के लिहाज से कुछ काम बाकी रह जाने के कारण दो महीना और लग गया। बहरहाल, मालिक एक के माध्यम से हम एक लम्बे अरसे बाद साईं बाबा पर एक अच्छी और मनोयोग से बनी फिल्म देखेंगे। खास पत्रिका और पत्रिका के पाठकों के लिए जैकी श्रॉफ ने बताया कि जब तक इस फिल्म का काम चला है, उन्होंने हर वक्त अपने कैरेक्टर को भीतर से जीते रहने की कोशिश की है। संवादों की लोच, सहजता, दिव्य प्रभाव और सम्प्रेषण के लिहाज से यह एक गहरी चुनौती थी मगर जैकी ने उसको निभाने का प्रयास किया। जैकी बताते हैं कि मालिक एक का यह प्रभाव था कि इस अवधि में उनको मन में पूर्ण शान्ति मिलती रही और एक तरह की सकारात्मक ऊर्जा मिलती रही, किरदार को सजीव प्रभाव के साथ निबाहने के लिए।

जैकी कहते हैं कि साईं भक्तों की विराट संख्या है जो देश से लेकर दुनिया तक फैले हुए हैं। मैं सबके पास अत्यन्त आत्मीय और स्नेह भाव से पहुँचना चाहता हूँ।

4 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

यूँ तो जैकी श्राफ ओशो के भक्त हैं। कितने नकाब ओढने पडते हैं आदमी को भी!--- धन्यवाद।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

अच्छे लग रहे हैं जैकी श्राफ..

सुनील मिश्र ने कहा…

आपका धन्यवाद निर्मला जी। मुझे लगता है, नकाब से ज़्यादा ऊपर प्रोफेशनलिज़्म है।

सुनील मिश्र ने कहा…

धन्यवाद भारतीय नागरिक जी।