रविवार, 19 दिसंबर 2010

राजश्री और इसी लाइफ में

साफ-सुथरी, सोद्देश्य, म्युजिकल और जीवन की सहजता में रोचक और दिलचस्प घटनाओं के साथ कहानी बुनकर एक अच्छी फिल्म के रूप में प्रस्तुत किए जाने की राजश्री प्रोडक्शन्स की परम्परा बड़ी पुरानी है। इस संस्थान के पितामह ताराचन्द बडज़ात्या राजस्थान के मूल निवासी थे। उनकी शिक्षा-दीक्षा कोलकाता में हुई। आजादी के आन्दोलन में परिणाम आने वाले वर्ष में वे मुम्बई आ गये।

यहाँ पर सपने गढ़ती मुम्बई में उन्होंने रुपहले परदे पर उस समय के कल्पनाशील प्रयोगों और लगन तथा प्रतिबद्धता के साथ काम करने वाले लोगों के बीच अपनी सर्जना का बीज भी बोया और राजश्री की स्थापना की। उनका परिवार कर्मठ कुटुम्ब की तरह था। उनके भाई, पुत्र सभी उनके साथ उनके सपने में जुड़े और इस निर्माण संस्था ने मनभावन फिल्मों के निर्माण, निर्देशन और वितरण के माध्यम से अपनी एक अलग ही गरिमा बनायी।

1962 में बनी इस संस्था ने जिन फिल्मों को प्रस्तुत किया उनमें दोस्ती, जीवन मृत्यु, उपहार, पिया का घर, सौदागर, गीत गाता चल, तपस्या, चितचोर, पहेली, नदिया के पार, दुल्हन वही जो पिया मन भाए, अँखियों के झरोखों से, तराना, सावन को आने दो, मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन, सारांश आदि प्रमुख हैं। राजश्री प्रोडक्शन्स ने अपनी फिल्मों के माध्यम से जिन कलाकारों का मार्ग प्रशस्त किया, भविष्य सँवारा उनमेें सचिन, अनुपम खेर, अरुण गोविल, रंजीता, जया बच्चन, सलमान खान, राखी, रवीन्द्र जैन, रामेश्वरी, मिथुन चक्रवती, माधुरी दीक्षित, भाग्यश्री के नाम लिए जा सकते हैं। ये कलाकार आज भी गहरे आदर से ताराचन्द बडज़ात्या और राजश्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

राजश्री परिवार में ताराचन्द बडज़ात्या के पौत्र सूरज बडज़ात्या ने जब अपने परिवार की निर्माण संस्था के लिए पहली बार 1989 में मैंने प्यार किया फिल्म का निर्देशन किया, तो इस फिल्म को मिली असाधारण व्यावसायिक सफलता और सराहना ने हिन्दी सिनेमा में लोकप्रियता की एक अलग ही रेखा खींचने का काम किया था। बाद में सूरज ने हम आपके है कौन जैसी और बड़ी सफल फिल्म भी बनायी।

वे हम साथ-साथ हैं और मैं प्रेम की दीवानी हूँ के निर्देशक भी रहे हैं। यह एक सुखद संयोग है कि एक बार फिर इस संस्थान की नयी फिल्म के साथ परिवार के ही एक सदस्य की निर्देशक के तौर पर भागीदारी हो रही है। सुखद और यह है कि यह भागीदारी महिला निर्देशक के रूप में है, सूरज की भांजी विधि कासलीवाल राजश्री की नयी फिल्म इसी लाइफ में की निर्देशक हैं।

एक खूबसूरत प्रेम कहानी को ख्वाब में रखकर नये चेहरों अक्षय ओबेरॉय और सन्दीपा धर के साथ, जैसा कि राजश्री की पुरानी परम्परा रही है, यह फिल्म भी बनायी गयी है। विधि को राजश्री में विवाह और एक विवाह ऐसा भी में बतौर सहयोगी काम करने के अच्छे अनुभव रहे हैं। इसी लाइफ में, के प्रोमो, खासकर गाने-संगीत आकर्षित करते हैं। हो सकता है, सुरुचि और दर्शकीय-आकर्षण की परम्परा इसी फिल्म में एक बार फिर राजश्री की तरफ लौटे।

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