बहुत सी खबरों के छूट जाने और फिर कई दिन बाद मालूम होने का दुख होता है, खासकर सिनेमा में अब ऐसी घटनाएँ मुम्बई में घटित होकर एक छोटा सा समाचार भी बन नहीं पातीं। अखबार में भूले-भटके चार लाइन से ज्यादा के समाचार प्रकाशित हो नहीं पाते क्योंकि घटनाओं को अब संजीदगी से लेने का चलन नहीं रहा। स्पेस अब एक बड़ी समस्या है और राजनैतिक तथा खेल आदि की घटनाओं और गतिविधियों में सबसे ज्यादा एकाग्र पत्रकारिता मनोरंजन, साहित्य और कला के क्षेत्र में बीमारी-हारी, मान-सम्मान, पुरस्कार या निधन या दशा-दुर्दशा पर उतनी संजीदगी दिखा नहीं पाती।
यही कारण है कि गोगा कपूर का निधन किसी की जानकारी में नहीं आ सका। मुम्बई में वरिष्ठ पी.आर.ओ. आर.आर. पाठक, गोगा कपूर के गहरे मित्र रहे हैं। चालीस साल से पीआरशिप कर रहे, दस से भी अधिक भाषाओं के जानकार पाठक जी ने अनेक बार गोगा कपूर के स्वभाव, संघर्ष और किस्मत के बारे में बताया। इस दशक के दर्शक हो सकता है गोगा कपूर को नहीं जानते हों मगर दशक के ठीक पहले तक वे खूब देखे गये हैं। मुख्यत: तो नकारात्मक चरित्रों में उनकी खासी पहचान रही है। बहुत सारी फिल्में उन्होंने की हैं और आखिरी बार उनको डी और दरवाजा बन्द रखो फिल्मों में देखा गया था। उनकी पहचान यह भी रही है कि उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ बहुत काम किया, फिल्मों में उनकी बहुत मार खायी लेकिन अमिताभ बच्चन के वे उतने ही अजीज भी रहे हैं।
गोगा कपूर आरम्भ में रंगमंच से जुड़े थे। बहुत से नाटकों में उन्होंने काम किया। खास सत्तर के दशक में अंग्रेजी नाटकों में उनके किरदार बहुत प्रभावी होते थे। वे खासे लम्बे थे और प्रभावशाली आवाज के मालिक थे। इकहत्तर के साल में वे जलवा फिल्म से सिनेमा में आये। इस दौर में प्रकाश मेहरा, यश चोपड़ा और मनमोहन देसाई अमिताभ बच्चन के लिए जिस तरह की फिल्में बना रहे थे, जैसी उनकी छबि गढ़ रहे थे, उस माहौल में एक साथ आठ-दस-बारह बदमाशों की पिटाई के दृश्य बहुत लोकप्रिय हुआ करते थे। ऐसे गुण्डे-बदमाशों में गोगा कभी आँख में पट्टी लगाये, कभी कोई अलग तरह का स्वांग रचे दीखते थे।
खून-पसीना फिल्म के कॉमिक गीत, बनी रहे जोड़ी राजा रानी की जोड़ी रे, में वे प्रमुख हिस्सा होते हैं। गोगा कपूर ने अपने कैरियर में तकरीबन सौ से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया जिनमें कयामत से कयामत तक, खून पसीना, जंजीर, कुली आदि शामिल हैं। तूफान फिल्म में वे अमिताभ बच्चन के अपोजित मुख्य खलनायक थे।
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