शुक्रवार, 20 मई 2011

आमिर और सलमान : अन्दाज अपना-अपना

यह सचमुच अपने-अपने अन्दाज की बात है। आमिर खान और सलमान खान आपस में मित्र हैं। दोनों एक-दूसरे की क्षमता और ताकत को जानने-समझने वाले। सलमान जानते हैं कि आमिर नो-डाउट श्रेष्ठ हैं सो वे उनके साथ कभी छेड़छाड़ नहीं करते, बल्कि अपने रिश्तों को हमेशा सहज और सुचिन्तित रूप से अच्छे बनाये रखने की सजगता बरतते हैं। आमिर खान भी यह जानते हैं कि सलमान खान आज के समय में जनता के सितारे हैं, एक हॉट प्रॉपर्टी।

लोकप्रियता के लिहाज से सलमान आमिर से बहुत आगे हैं। उनका दर्शक वर्ग ज्यादा व्यापक है और बच्चों से लेकर जवाँ तक जिस तरह पीढ़ी उनकी दीवानी है, वह आमिर को अचम्भित करने वाली बात नहीं लगती बल्कि वे इस बात को मानते हैं कि सलमान ने इस मुकाम को बनाने और बनाये रखने में बड़ी मेहनत की है। दोनों मिलकर वक्त-वक्त पर शाहरुख खान को जरूर निशाने पर लेते हैं क्योंकि शाहरुख अलग लाइन चलने वाले और क्षमताओं तथा उपलब्धियों के अहँकार से ज्यादा घिरे रहते हैं कुछ वर्षों से। इसी कारण उनकी प्रतिक्रियाएँ भी असंयत और कमोवेश नाराज करने वाली होती हैं।

यह योग दिलचस्प है कि आमिर और शाहरुख ने कभी साथ काम नहीं किया। यह भी संयोग है कि सलमान, आमिर के साथ अन्दाज अपना अपना में काम कर चुके हैं और शाहरुख खान के साथ कर्ण-अर्जुन सहित दो-तीन फिल्में। हाल ही में शादी-ब्याह के मसलों को लेकर मस्ती-मजाक भरी चुहलबाजी आमिर खान की तरफ से सलमान खान को और प्रत्युत्तर में सलमान की तरफ से आमिर खान को हुई है। आमिर खान, सलमान के ब्याह न करने को लेकर फिक्रमन्द हैं, वे कहते हैं कि सलमान हाँ तो कहे, लड़कियों की लाइन लगा दूँ और जवाब में सलमान आमिर के लिए कहते हैंं कि मेरा वश चले तो आमिर के हाथ बांध दूँ ताकि वे अब तीसरी शादी न कर सकें।

सलमान की शादी की जिज्ञासा दर्शकों को भी खूब होगी, आमिर अकेले ही नहीं हैं मगर यह अब यक्ष प्रश्र हो गया है। सलमान के पिता सलीम साहब ने एक बार बातचीत में कहा था कि सलमान के लिए उसकी माँ आदर्श है। वो सोचता है कि उसकी माँ की ही तरह उसकी पत्नी हो जो कि अब आज के जमाने में मुश्किल है।

पता नहीं उसकी यह तलाश पूरी होगी या नहीं, वो अब शादी करेगा या नहीं। उम्र और समझ के लिहाज से वे सलमान को बहुत परिपक्व मानते हैं और कहते हैं कि वो अपने भाइयों के बच्चों के साथ बहुत मस्त रहता है। जिन्दगी, विवाहित जिन्दगी के प्रति उसकी अब क्या मान्यताएँ हैं, यह न तो वह बताता है और हमारे लिए भी उसे इस बात के लिए कुरेदना ठीक नहीं।



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