सलमान खान की फिल्म रेडी के प्रदर्शन की तैयारियाँ की जा रही हैं। एक महीने बाद इस फिल्म को प्रदर्शित किया जाना है। मनोरंजन का एक चैनल इस फिल्म के एक निर्माता भूषण कुमार की खूब खिंचाई करते हुए बार-बार इस फिल्म के प्रदर्शन पूर्व परिणामों को लेकर विरोधाभासी कार्यक्रम प्रसारित किया करता है मगर सलमान के प्रशंसकों का वर्ग इतना बड़ा है कि चैनल को इससे कोई फायदा न होगा। जाने क्यों वह निर्माता के रूप में भूषण कुमार की पिछली फिल्मों के आँकड़े दिखाकर यह साबित करना चाहता है कि इसका प्रभाव रेडी पर भी पड़ेगा।
जिन सलमान की पिछली फिल्म दबंग ने बॉक्स ऑफिस पर आश्चर्यजनक आय अर्जित करके दिखायी, उन सलमान की रेडी की चर्चा करते हुए चैनल उनकी पिछली फिल्म मैं और मिसेज खन्ना का उदाहरण पेश करता है, वह वाण्टेड की सफलता की बात नहीं करता और न ही दबंग को लेकर कुछ कहता है, चैनल का सारा जोर हर तरह रेडी के विरुद्ध प्रचार करना है। चैनल इस तरह अक्षय कुमार की पिछली फिल्म पटियाला हाउस को लेकर भी इसी तरह का प्रचार अभियान चला चुका है, जो योग से एक निर्माता के रूप में भूषण कुमार की भी फिल्म थी।
दर्शक इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि ऐसे दुष्प्रचार की आमतौर पर वजहें क्या होती हैं। निश्चित रूप से इसके पीछे व्यावसायिक स्पर्धाएँ और हित-स्वार्थ होंगे जिनमें हो सकता है, वे सारे लोग व्यवधान बने हों जिनकी आलोचना की जा रही है। आज के समय में निष्पक्षताओं के बजाय एक ऐसी आक्रामकता प्रचार-प्रसार माध्यमों का हिस्सा बनती जा रही है जहाँ हर काम को एक ही नजरिए से देखे जाने का चश्मा है। उद्देश्यों और इच्छाओं का पूरा होना, न होना ही प्राय: इन बातों का कारक हुआ करता है। लेकिन उस समय अजीब स्थितियाँ होती हैं जब दुष्प्रचार, दोषारोपण और मिथ्या थोपन का उत्तर एकदम उलट परिणामों से मिलता है।
रेडी का निर्माण किसी भी तरह की असावधानी के चलते या नुकसान उठाने के लिए नहीं किया गया है। यह दक्षिण की एक हिट फिल्म का रीमेक है और इस फिल्म के निर्माण में स्वयं सलमान खान ने रुचि ली है तथा स्क्रिप्ट से लेकर लोकेशन तक अपना सकारात्मक दखल किया है। सलमान अब जान गये हैं कि वे दर्शकों के सर्वप्रिय अभिनेता हैं, वे दबंग से मिले रुतबे को दर्शकों के समर्थन से ही अपने पक्ष में इस्तेमाल करना जानते हैं। वे रेडी हैं, फिर जल्द आने के लिए।
2 टिप्पणियां:
salmaan khan ko apni tarif padh ker jaroor sukun milega.
milna to chahiye shashi jee. abhar.
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