हमारे समय में सिनेमा में दिलचस्प चीजें दिखायी दे रही हैं। अचानक एक महिला निर्देशक को लगा तो उसने सत्तर के दशक का सिनेमा आज की कथा में रच-बस कर अपने लिए बड़ी प्रतिष्ठा अर्जित कर ली। उससे प्रेरणा लेकर कुछ प्रतिभाशाली निर्देशकों उस तरह का सिनेमा बनाकर अपना नाम भी चमका लिया। ओम शान्ति ओम से लेकर दबंग तक ऐसी ही कुछ फिल्में नाम-दाम कमाने में काफी कामयाब रहीं।
अब दिलचस्प यह है कि उस दौर के महानायक ने अँगड़ाई ली है।
पाठक जानते ही हैं कि वो दशक जिन सितारों के नाम रहा है उनमें मुख्य रूप से धर्मेन्द्र, अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, शत्रुघ्र सिन्हा, शशि कपूर और ऋषि कपूर आदि शामिल रहे हैं। इन सितारों के नाम के साथ हमारे सामने आइने की तरह सब कुछ साफ-साफ दीखने लगता है। इनमें से बहुतेरे सितारे लगभग एक दशक से बहुत कम दिखायी दे रहे थे। इस बीच हिन्दी सिनेमा का परिदृश्य बदल गया। अस्सी और नब्बे के दशक के सितारे आये और जाते हुए दीखे। कुछ सलमान, आमिर, शाहरुख से जमे हैं मगर यह समय अब रणबीर कपूर और नील नितिन मुकेश के नाम से भी जाना जाता है और शाहिद कपूर के नाम से भी। अब हम इसी दृश्य में एक बार फिर कुछ नवाचार देखते हैं। हमें कुछ वर्ष पहले अमिताभ बच्चन की फिल्म बागवान को याद करना चाहिए और सरकार को भी।
हमें भारतीय सिनेमा के महानायक का परिपक्व चेहरा दिखायी देता है। नये साल की शुरूआत में हम एक और महानायक को बहुत उत्साह और ऊर्जा के साथ देख रहे हैं। यह महानायक हैं धर्मेन्द्र। धर्मेन्द्र अभी दिसम्बर में पचहत्तर बरस के हुए हैं और इसी साल उनको फिल्म जगत में सक्रियता के पाँच दशक पूरे हुए हैं। दिल भी तेरा हम भी तेरे, उनकी पहली फिल्म थी, जिसमें उन्हें अर्जुन हिंगोरानी ने निर्देशित किया था।
अर्जुन हिंगोरानी, उनके बेहद अजीज दोस्त हैं जो इस जन्मदिन पर भी उनके घर में बैठे अपने दोस्त महानायक और प्रशंसकों से घिरा देखकर मुग्ध हो रहे थे। धर्मेन्द्र की नयी फिल्म यमला पगला दीवाना इसी माह के दूसरे सप्ताह में प्रदर्शित हो रही है। यह शीर्षक पैंतीस साल पहले की उन्हीं की सुपरहिट फिल्म प्रतिज्ञा के जिस गाने से प्रेरित है, उसका एक अलग अन्दाज, इस नाम की फिल्म में दिखायी देगा।
अनिल शर्मा निर्देशित अपने में तीनो देओल थे, अब यमला पगला दीवाना में भी तीनों देओल हैं और जोर-शोर से इस फिल्म के प्रचार-प्रसार में हिस्सा ले रहे हैं। अपने चाहने वालों के बीच गर्मजोशी के साथ पहुँचने का इस बार उनके पास अलग ही मंत्र है। फिल्म की सफलता के लिए बड़े देओल आश्वस्त भी बहुत हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें