एकता कपूर के मन से अब धीरे-धीरे छोटे परदे पर बड़े लाभ का मोह खत्म हो रहा है। सफलता का वह पूरा दौर जा चुका है जिसमें तब की सक्रियता के वक्त में शायद सबसे कम उम्र की निर्मात्री के रूप में लगभग उस तरह सफल थी कि उनका छुआ हर पत्थर सोना बनकर उनकी हथेली में आ जाता था। एक साथ तमाम धारावाहिकों का प्रसारण होना, उनकी लगातार एक ही स्थान के विभिन्न फ्लोरों पर शूटिंग होना, ऐसा माहौल रहता था जैसे उत्सव ही आयोजित हो रहा हो कोई।
इस सुनहरे और कमाऊ दौर पर एकता खुश भी थीं और इसी के साथ उनके अहँकार और रुतबे के भी किस्से बनते और उड़ा-फैला करते थे। यह दौर अपने चरम पर जाकर बिखरना शुरू हो गया और धीरे-धीरे बदलाव की जरूरत महसूस करने वाले दर्शक के सामने प्रतिस्पर्धी चैनलों ने अनेक विविध और मौलिक विषयों को इतने प्रभावी ढंग से जमा दिया कि एकतामार्का सीरियल, दृश्य, कलाकार, किरदार, कुटिलताएँ सब छोटे परदे से विदा हो गयीं। इस समय चैनलों पर धारावाहिकों का पूरा युग ही बदला हुआ है और खासतौर पर सब चैनल ने अपने कार्यक्रमों, धारावाहिकों और प्रस्तुतियों से बहुत बड़ी संख्या में दर्शकों को जोड़ लिया है।
एकता अब इस मैदान को छोड़ रही हैं। फिल्म निर्माण में उन्हें रस आ रहा है। कहीं न कहीं सफल निर्मात्री बहन होने के नाते वे अपने विफल भाई तुषार का भी ख्याल रखने लगी हैं। तुषार के लिए पहले भी उन्होंने कई फिल्में बनायीं और इन दिनों भी बना रही हैं। लव सेक्स और धोखा तथा रागिनी एमएमएस बनाकर सनसनी और लाभ दोनों हासिल करने वाली एकता इन दिनों एक फिल्म दक्षिण की मशहूर सेक्सी एक्ट्रेस सिल्क स्मिता के जीवन पर केन्द्रित फिल्म द डर्टी पिक्चर्स बना रही हैं विद्या बालन को उस भूमिका में लेकर। सिल्क की मृत्यु लगभग पन्द्रह वर्ष पहले हो गयी थी। विद्या को भी इन दिनों क्रान्ति करने का चस्का लगा है, नो वन किल्ड जेसीका में उनका रोल काफी अलग था, इधर सिल्क के जीवन पर बन रही फिल्म में भी वे सिल्क सरीखा पेश होने के लिए उत्साहित हैं।
एक फिल्म एकता डायन नाम से बनाना चाहती है, निर्देशक विशाल भारद्वाज के साथ मगर उसके लिए हीरोइन नहीं मिल रही उनको। उन्होंने रानी मुखर्जी को इस फिल्म के लिए अनुबन्धित करना चाहा था मगर नाम से ही असहमत रानी ने एकता को इन्कार कर दिया है। एकता फिलहाल अपने इन उपक्रमों से उन्मुक्तता की नयी आयकॉन बनकर चर्चित होने में खासी सक्रिय हैं।
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