अतुल्य भारत के लिए अभिनेता आमिर खान अच्छे विज्ञापन समय-समय पर करते हैं। हिन्दुस्तान में दूसरे देशों से प्रभावित होकर, सांस्कृतिक, सृजनात्मक और पर्यटन महत्व के आकर्षण में आने वाले लोगों, अतिथियों से सामने हमारे किसी भी बर्ताव का क्या प्रभाव पड़ता है, उसके लिए उनकी यह भागीदारी सराहनीय है। वैसे तो हर जुबाँ पर सवार निराशावाद न किसी आदमी के सुधरने की उम्मीद रखता है और उसी वजह से न देश की मगर इसके बावजूद अपनी सजगता और जिम्मेदारी का परिचय न दिया जाये तो हमारी प्रतिबद्धता भला कैसे प्रमाणित होगी?
सितारे, जनमानस में सम्मोहक छबि होते हैं। यदि वे किसी बात को दर्शकों से मुखातिब होकर कहते हैं तो निश्चित ही उसका अर्थ होता है। इस मायने में आमिर खान की प्रशंसा की जानी चाहिए कि वे अपनी जिम्मेदारी पूरी करते हैं। महानायक अमिताभ बच्चन तेल से लेकर सीमेण्ट तक के विज्ञापन करते हंै मगर बच्चों को दिलायी जाने वाली पोलियो की खुराक को लेकर उनकी अपीलें हमेशा आकर्षित करती हैं। वे अपनी बातों से अविभावकों को जागरुक करने और झकझोरने का काम करते हैं। उनकी अदा दिलचस्प होती है। कॉमिक एप्रोच होता है और अपनेपन से भरा हुआ। दरअसल कौन बनेगा करोड़पति के बाद से उनका दर्शकों से घर के भीतर टेलीविजन के जरिए जिस तरह का संवाद शुरू हुआ है, उसका अपना आकर्षण है। इस प्रभाव को भारत सरकार ने एक बड़े मिशन और सामाजिक कार्यक्रम में सदुपयोग की तरह लिया है।
विज्ञापन के प्रति बहुत से सितारों का आकर्षण होता है।
एक फिल्म में काम करने के बाद मिलने वाली राशि से ज्यादा विज्ञापन में कम काम करके अपेक्षाकृत अधिक आकर्षक धन, कलाकारों को इस तरफ लाता है। जूही चावला एक नमकीन का विज्ञापन दिलचस्प अन्दाज में करती हैं। बहुत सी नायिकाएँ साबुन, शैम्पू और क्रीम के विज्ञापनों की दुनिया से बाहर ही नहीं आतीं। नायकों को हम हमेशा मोबाइल या सिम बेचते हुए या फिर शीतल पेय का समर्थन करते हुए देखते हैं। सभी बड़े सितारों का समर्थन अलग-अलग कोल्ड ड्रिंक्स के लिए स्थायी रूप से बना हुआ है। अपने हाथ में अब सितारे किसी भी सामान्य मोबाइल कम्पनी के मोबाइल को पकडक़र उसको सर्वश्रेष्ठ ठहरा देते हैं। सिम के नेटवर्क भी जैसे उनकी खिदमत में सबसे ज्यादा दाँत निकालते हैं।
यह जिज्ञासा बड़ी पुरानी होकर समाप्त हो गयी है कि जिन चीजों का विज्ञापन सितारे करते हैं क्या उन्हें वे सचमुच इस्तेमाल करते हैं? जवाब चुप्पी या बनावटी उत्तर से भरा हो सकता है। लेकिन विज्ञापन ऐसा आकर्षण है कि सितारे फिल्म से ज्यादा उसमें रमे हुए हैं।
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