हम भला क्या करेंगे शिकायत तुमसे
किया तुमने वो सोचकर ही किया
अपनी चुप्पी को हम तहाए बैठे रहे
बोलने का तुमने न मौका ही दिया
तुम्हारी निगाहों में नहीं इबारत कोई
सपनों को न तुमने संजीदा ही लिया
तुमने एक मोड़ पर शब्दों को सज़ा दे दी
ढाई अक्षर टूटे, बिखरे न एक ही जिया
ढूँढा करेंगे पैबंद भी गर मिल जाएँ हमें
रहेगा मलाल तुमने एक न ही सिया
2 टिप्पणियां:
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
राष्ट्रीय व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश कि शीघ्र उन्नत्ति के लिए आवश्यक है।
एक वचन लेना ही होगा!, राजभाषा हिन्दी पर संगीता स्वारूप की प्रस्तुति, पधारें
आपका धन्यवाद राजभाषा हिंदी जी.
एक टिप्पणी भेजें