भारत सरकार पिछले साल का दादा साहब फाल्के अवार्ड दक्षिण के विख्यात फिल्मकार डॉक्टर डी. रामानायुडु को देने जा रही है, यह एक महत्वपूर्ण खबर है। सृजन सक्रियता के मुकम्मल समय में सार्थकता के साथ प्रशंसनीय और बहुआयामी रचनात्मक काम करने में किसी भी मनुष्य को बहुत सारा समय लगता है। लगातार श्रेष्ठता के प्रतिमान अर्जित करना आसान काम नहीं होता। ऐसे परिदृश्य में हम एक ऐसे फिल्मकार को सम्मानित होते हुए देखेंगे जिसने एक सीमित समय में लगभग एक सौ तीस फिल्में बनाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रेकॉर्ड में शामिल कराया। हमारा लिए खासतौर पर डी. रामानायुडु के बारे में अन्दाज लगा पाना मुश्किल है कि कैसे एक व्यक्ति इतनी व्यापकता के साथ सोचता और साकार करता है।
हैदराबाद में हम जिस रामोजी राव फिल्मसिटी को दो दशक से जानते हैं, उसकी परिकल्पना और निर्माण उन्हीं का है। वे ही देश में पहले ईटीवी उर्दू चैनल स्थापित करते हैं फिर हर राज्य के लिए उस राज्य के नाम की पहचान से जोडक़र अलग-अलग चैनलों का समुच्चय खड़ा कर देते हैं। ये डी. रामानायुडु हैं। उन्हें मूवी मुगल कहा जाता है। उन्होंने न सिर्फ तेलुगु में बल्कि दक्षिण की समस्त भाषाओं सहित बंगला, उडिय़ा, असमी, गुजराती, मराठी, भोजपुरी और हिन्दी में भी फिल्में बनायी हैं। आंध्रप्रदेश में 1936 में जन्मे रामानायुडु साठ के दशक में सिनेमा में आये। उन्होंने पहली फिल्म अनुरागम बनायी। आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री, तेलुगुदेशम पार्टी के स्थापक और प्रतिष्ठित अभिनेता नंदमूरि तारक रामाराव के साथ बनायी उनकी फिल्म रामुदु-भीमुदु सुपरहिट थी जिसने उनको फिल्म जगत में एक सफल निर्माता के रूप में स्थापित किया। इस फिल्म की सफलता ने दोनों को परस्पर मित्रता के ऐसे रिश्ते में जोड़ा कि आगे चलकर वे इस पार्टी के सदस्य भी बने और दो बार सांसद भी।
डॉ. डी. रामानायुडु में फिल्म बनाने की ऐसी विलक्षण ऊर्जा रही है जिसके चलते वे एक के बाद एक सफल फिल्में बनाते चले गये। उनकी एक फिल्म सुरिगदु भारतीय पैनोरमा में नब्बे के दशक में चयनित की गयी थी। इसके साथ ही दस वर्ष पहले उनके द्वारा निर्मित एक बंगला फिल्म असुख को राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था। वे शिवाजी गणेशन, कमल हसन, जयाप्रदा, चिरंजीवी, अक्किनेनी नागेश्वराव, रजनीकान्त, राजेश खन्ना, हेमा मालिनी, रेखा, जीतेन्द्र, श्रीदेवी को अपनी फिल्मों में श्रेष्ठ स्थान देने वाले एक प्रमुख फिल्मकार हैं। उनकी सफल और चर्चित हिन्दी फिल्मों में प्रेम नगर, दिलदार, बन्दिश, प्रेम कैदी, अनाड़ी आदि उल्लेखनीय हैं। पाठकों को जानकारी होगी ही दक्षिण के मशहूर अभिनेता और अनाड़ी फिल्म के नायक रहे व्यंकटेश, डी. रामानायुडु के बेटे हैं।
2 टिप्पणियां:
रोचक जानकारी. सार्थक पोस्ट.
सर, आभार, आज सुबह ही आपको याद किया था. अच्छी टेलीपैथी है, प्रतिक्रिया हुई.
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