बुधवार, 1 सितंबर 2010

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

जन्माष्टमी का अवसर है, हिन्दी सिनेमा में फिल्मों और गीतों के माध्यम से कितनी ही बार भगवान कृष्ण की वन्दना की गयी है, उनका जीवन चरित दिखाया गया है, उनके सरोकारों का वर्णन किया गया है, उनकी आराधना में खूबसूरत गीत लिखे, संगीतबद्ध किए और गाये गये हैं। लम्बे समय तक हमारे सिनेमा की यह विशेषता रही है कि विभिन्न पर्वों और अनुष्ठानों पर फिल्में, प्रसंग और घटनाएँ केन्द्रित की गयी हैं। उनको परदे पर देखना सुखद रहा है और हमें आनंद भी प्रदान करता रहा है। यशोदा और यशोदा कृष्ण नाम की फिल्में हमारे यहाँ बनी हैं। सचिन ने कृष्ण की भूमिका निभायी है। भारत की विभिन्न भाषाओं में कृष्ण जीवन पर बनी फिल्मों की संख्या बहुत ज्यादा है। पचास के दशक में कन्नड़ में के वी राजू ने श्रीकृष्णा बनायी। बाबूभाई मिस्त्री ने कृष्ण-अर्जुन युद्ध के नाम से 71 में एक फिल्म का निर्माण किया।

सिनेमा के पितामह दादा साहब फाल्के ने दो बार कृष्ण भक्ति पर फिल्में बनायीं, श्रीकृष्ण जन्म और श्रीकृष्ण शिष्टई। इसके अलावा कालिया मर्दन के रूप में उनकी आरम्भिक फिल्म को भुलाया नहीं जा सकता। बाबूराव पेंटर ने 1923 में श्रीकृष्णावतार फिल्म बनायी थी। 1929 में व्ही. शान्ताराम ने प्रभात पिक्चर्स के बैनर पर गोपालकृष्ण फिल्म का निर्माण किया। दाूमले-फत्तेलाल ने भी गोपालकृष्ण फिल्म बनायी। श्रीकृष्ण भक्ति, श्रीकृष्ण भक्त पीपा जी, श्रीकृष्ण दर्शन, हरि दर्शन, श्रीकृष्णा गरुडि़, श्रीकृष्ण जन्म, श्रीकृष्ण लीलालु, श्रीकृष्ण माया, श्रीकृष्ण नारदि, श्रीकृष्णांजनेय युद्धम, श्रीकृष्णार्जुन युद्ध, श्रीकृष्ण रुक्मिणी, श्रीकृष्ण रुक्मिणी सत्यभामा, श्रीकृष्ण सत्य, श्रीकृष्ण सत्यभामा, श्रीकृष्ण शरणम मम:, श्रीकृष्ण सुदामा, श्रीकृष्णावतारम, श्रीकृष्ण विजयम, श्रीकृष्ण विवाह आदि अनेक फिल्में हिन्दी सहित तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और संस्कृत में अब तक समय समय पर बनी हैं। श्रीकृष्णलीला और श्रीकृष्ण तुलाभरम नाम से तो अलग-अलग समय में दक्षिण की अलग-अलग भाषाओं में चार बार फिल्में बनीं।

भारतीय पौराणिक फिल्मों में एन.टी. रामाराव, शाहू मोडक, महिपाल, अभिभट्टाचार्य ऐसे कलाकार थे जिन्होंने समय-समय पर राम, विष्णु और कृष्ण की भूमिकाएँ विभिन्न फिल्मों में निभायीं। सचिन भी राजश्री की एक फिल्म गोपालकृष्ण में कृष्ण बनकर आये। महाभारत धारावाहिक में नितीश भारद्वाज कृष्ण बने। श्रीकृष्ण को केन्द्र में रखकर हिन्दी फिल्मों में वक्त-वक्त पर अनेक गीत भी रचे गये जो आज भी याद आते हैं। आन मिलो आन मिलो श्याम साँवरे आन मिलो, बड़ी देर भई नंदलाला तेरी राह तके बृजबाला, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, ऐ रे कन्हैया किसको कहेगा तू मैया, नींद चुराए चैन चुराए डाका डाले तेरी बंसी, गोकुल की गलियों का ग्वाला नटखट बड़ा नंदलाला, गोपाला गोपाला माखन चुराने आया गोपाला जैसे गीतों की एक बड़ी फेहरिस्त है।

6 टिप्‍पणियां:

Asha Joglekar ने कहा…

बहुत सुंदर आलेख और सामयिक भी ।
जय श्रीक़ष्ण ।

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…


बेहतरीन लेखन के बधाई
शुभकामनाएं


आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें

सुनील मिश्र ने कहा…

सराहना के लिए आभारी हूँ आशा जी.

सुनील मिश्र ने कहा…

बहुत-बहुत धन्यवाद ललित जी.

yogendra kumar ने कहा…

गोपाल कृष्ण एक हिन्दी फिल्म जिसमें सचिन ने कृष्ण की भुमिका निभाये हैं। कृपया आप मुझे उस फिल्म के उपल्ब-ध कराने की कृपा करें।

yogendra kumar ने कहा…

गोपाल कृष्ण एक हिन्दी फिल्म जिसमें सचिन ने कृष्ण की भुमिका निभाये हैं। कृपया आप मुझे उस फिल्म के उपल्ब-ध कराने की कृपा करें।