जोड़ दो तुम
मेरी खुशी में
अपनी खुशी
घटा लेने दो मुझे
अपने गम में
तुम्हारा गम
क्या कहूँ कैसे
गुणा होगा
हमारे प्यार से
तुम्हारे प्यार का और
जाने कैसे
भाग दिया जायेगा
इस तरफ के अवसाद से
उस तरफ के अवसाद का
ज़िंदगी हुई
हल करते हुए
इस गणित को
स्लेट पर लिखने की
उम्र से
कागज़ पर लिखने की
उम्र तक
7 टिप्पणियां:
लाजवाब .
पोला की बधाई भी स्वीकार करें .
बहुत सुन्दर!
कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
धन्यवाद अशोक जी आपका.
आपका आभारी हूँ उड़नतश्तरी जी. हमें मित्रों को प्रोत्साहित करने में भला क्यों हिचकिचाहट होगी? आश्वस्त रहिये.
बेहतरीन लेखन के बधाई
356 दिन
ब्लाग4वार्ता पर-पधारें
आभार ललित जी।
बिल्कुल नये आवरण की कविता, जिंदगी के गणित को कलम से लिख दिया वाह !! मजा आ गया जिंदगी का ये रुप देखकर भी
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